अरमान

शादी के जोड़े में सिमटी हुई,
पैरों में आलता, हाथों में मेहंदी की ख़ुशबू,
माथे पे बिंदिया, बालों में गजरा!
तेरे नाम के सोलह सिंगार,
मेरे अरमानों का बोझ कहाँ उठा पाते !!

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